Wednesday, December 7, 2016

नोटबंदी का असर: GDP आकलन आधा फीसदी कम, नहीं घटी ब्याज दरें


केन्द्रीय रिजर्व बैंक ने नोटबंदी के बाद अपनी पहली मौद्रिक समीक्षा करते हुए माना कि अगले कुछ महीने देश में वित्तीय संतुलन बनाने के लिए अहम है. रिजर्व बैंक के मुताबिक इन चुनौतियों को देखते हुए अभी देश में ब्याज दर घटाने की कोई कवायद करना उचित नहीं था. लिहाजा रेपो रेट को 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा है. लेकिन परेशानी की बात यह है कि रिजर्व बैंक ने नोटबंदी की चुनौतियों को देखते हुए आर्थिक विकास दर (जीडीपी ग्रोथ) के अपने आकलन को 7.6 फीसदी से कम करते हुए 7.1 फीसदी कर दिया है.
अमेरिका में मजबूती के संकेत-
रिजर्व बैंक के मुताबिक 2016 के आखिरी 6 महीनों के दौरान ग्लोबल इकोनोमी में तेजी देखने को मिल रही है. जबकि साल के पहले 6 महीने में ग्लोबल इकोनोमी में कमजोरी कायम थी. मौजूदा तेजी अमेरिकी बाजार में लौट रही मजबूती के चलते है. वहीं डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद से लगातार अमेरिकी डॉलर दुनिया की दूसरी करेंसी के मुकाबले मजबूत हो रहा है.
नोटबंदी आखिर जीडीपी को कम करेगा ही-
नवंबर के पहले हफ्ते के बाद नोटबंदी का फैसला लगातार आर्थिक चुनौतियों को बढ़ा रहा है. जहां देश कालेधन के खिलाफ बड़ा कदम उठा रहा है और कैशलेस अर्थव्यवस्था की तरफ अग्रसर है. वहीं दुनियाभर के कई इकोनॉमिस्ट दावा कर रहे थे कि इस फैसले से भारत में विकास दर को तगड़ा झटका लग सकता है.

जुड़िये हमारे साथ और पाइये मौका शेयर मार्केट से कमाने का,क्लिक कीजिये www.abrventure.com या 0731-6507888 पर कॉल कीजिये

No comments:

Post a Comment